डायबिटीज और नमक

मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज और शुगर भी कहा जाता है। ये बीमारी अनुवाशिंक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है। मधुमेह के मरीजों को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीज़ो को काम्प्लेक्स कार्बह्यड्रेट्स डाइट मे शामिल करना लाभदायक हैं और संतुलित आहार बहुत ज़रूरी है क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल का ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम होना ठीक रहता है। इस बीमारी मे हमारा सबसे बड़ा शत्रु चीनी को ही माने हुऐ थे, यानि कि अभी तक हम बस एक चीनी पर ही ध्यान दिए हुऐ थे कि चीनी कम खाओ मिठाई नहीँ खानी और हमने सीधे सीधे बस शुगर को टारगेट किया और हम नमक को तो भूल ही गए जबकि चीनी के साथ नमक को भी कण्ट्रोल यानि सीमित रखना हैँ बहुत ज़रूरी स्वास्थ्य के लिये इसको हम ऐसे समझ सकते हैँ कि ज्यादा नमक का सेवन हमारे ब्लडप्रेशर को बड़ा देता हैँ और ब्लडप्रेशर का बढ़ना हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता हैं जबकि हमको पता ही हैं कि डायबिटीज के मरीज़ के लिये ब्लडप्रेशर को कण्ट्रोल रखना एक टास्क जैसा ही हैं क्योंकि डायबिटीज बीमारी मे स्ट्रेस यानि तनाव एक मुख्य कारक हैं और जहाँ तनाव हैं वहा ब्लडप्रेशर भेज कण्ट्रोल नहीँ रहता हैँ लिए इसलिए नमक एक छिपा हुआ शत्रु होता हैं l

डायबिटीज के साथ अगर किडनी की बीमारी भी हैँ तो ज्यादा नमक के सेवन से वाटर रेटेंशन की दिक्कत हों जाती हैँ वाटर रिटेंशन यानी शरीर के आंतरिक भागों में पानी भर जाना। जब व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आता है तो अक्सर उसके बाहरी हिस्सों जैसे हाथ, पैर, एड़ी और टांगों में सूजन दिखने लगती है। कभी-कभी सूजे हुए अंगों में तेज चुभन और असहनीय दर्द भी हों सकता हैँ इसलिए डायबिटीज के मरीज़ों को चीनी के साथ साल्ट यानि नमक का सेवन कम करना चाहिए

कम सोडियम आहार को इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि से जोड़ने वाले अध्ययनों से पता चला है कि सीमित सोडियम सेवन से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिसकी भरपाई एपिनेफ्रिन, रेनिन और एंजियोटेंसिन के बढ़े हुए स्तर से होती है, जो सभी इंसुलिन की क्रिया को रोकते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं इसलिए लॉ सोडियम डाइट भी डायबिटीज रोगी के लिए फायदेमंद हैँ

डायबिटीज रोगियों को नमक संतुलित करने के उपाय

सलाद और फल ताजे खाने चाहिए और उसमे किसी भी प्रकार का नमक का प्रयोग नहीँ करना चाहिए

खाने सामान खरीदते समय सबसे जरुरी क़ि हम फ़ूड लेबल को ध्यान से देखे क़ि उसमे शुगर, साल्ट, ट्रांस फैट क़ि कितनी मात्रा हैँ बिना नमक वाला फ़ूड हमको लेना चाहिए

पैक्ड फ़ूड का प्रयोग कम से कम करें

पैक्ड फ़ूड हानिकारक क्यू हैँ क्योंकि भारी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में अक्सर अतिरिक्त चीनी, सोडियम और वसा का अस्वास्थ्यकर स्तर शामिल होता है। ये तत्व हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन का स्वाद बेहतर बनाते हैं, लेकिन इनकी अधिकता से मोटापा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। इसके आलावा रेस्टोरेंट का भोज़न कम से कम खाना चाहिए क्योंकि इसमें तेज़ मसालेदार और ज्यादातर अधिक मुनाफे के चक्कर मे घटिआ तेल घी का इस्तेमाल किया जाता हैं और सस्ती के चक्कर मे कम रेट मे खरीदी हुई सब्जियाँ प्रयोग मे लाई जाती ये जरुर्री नहीँ सब जगहे ऐसे ही हों लेकीन ज्यादातर ऐसा ही होता हैं और तो और भोज़न को लज़ीज़दार करने के लिए अधिक मात्रा मे मसाले ऒर फ्लेवर, एवं कलर मिला कर अच्छे से परोसा जाता हैं जिससे भोज़न आकर्षित व रुचिकर लगे l

घर मे ही साबुत मसालों को पीस कर उपयोग करना चाहिए और हर्ब्स का प्रयोग लाभकारी होता हैँ ज़ब हम कम नमक के खाने हर्ब्स के प्रयोग से स्वादिष्ट बनाते हैँ और ये हेल्थ के लिए भी अच्छा होता हैँ इसलिए अगर आप नमक कम खाना चाहते तो इन हर्ब्स के प्रयोग से अपना खाने मै फ्लेवर ला सकते हैँ l

अगर आप पानी सही मात्रा मै लेते हैँ तो दो फायदे हैँ एक तो आपकी बॉडी मे पानी क़ि कमी नहीँ रहती और जरुरत से ज्यादा नमक भी यूरिन से बाहर निकल जाता हैँ l

हमेशा घर का बना खाना, सलाद और मौसमी फल का प्रयोग और घर के बने पीसे मसाले आपको सबसे ज्यादा फ़ायदा करतें हैं और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं l

डायबिटीज के मरीज़ को अपने ब्लड प्रोफाइल के हिसाब से डायबिटिक डाइट प्लान और सोडियम कितनी मात्रा लेनी हैं उसके लिए अपने डाइटिशियन से परामशं लेना बहुत आवशयक है l

जहाँ दवाई का कड़ाई से पालन करना जरुरी हैं वहीँ शरीर पोषण का भी महेत्वपूर्ण हैं क्योंकि सही मात्रा मे कॅलोरी हमारी ब्लड शुगर को कण्ट्रोल मे रखती हैं l

कैसा लगा आपको आर्टिकल पढ़ने के बाद हमको बताये जरूर l

1 thought on “डायबिटीज और नमक”

  1. Imran Nawaz Bhatti

    I found Richa’s article on Diabetes and Salt to be informative and well-researched. It highlighted the importance of managing salt intake for individuals with diabetes and explained the potential health risks associated with excessive sodium consumption. The practical tips provided for reducing salt in one’s diet were particularly helpful. Overall, a valuable read for anyone looking to better manage their diabetes through dietary choices.

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